After Narendra Modi And Amit Shah Top Choice Of Karnataka Is Yogi Adityanath - मोदी और शाह के बाद कर्नाटक की टॉप च्वाइस योगी आदित्यनाथ

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बाद यदि भाजपा में प्रचार के लिए किसी की सबसे अधिक मांग है तो वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। योगी आदित्यनाथ भाजपा के लगातार स्टार प्रचारक बने हुए हैं और राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद से प्रचार के लिए उनकी मांग बराबर बनी है। तटीय कर्नाटक में भी आदित्यनाथ की काफी मांग है। वह हुबली, उडुपी समेत दक्षिण कन्नड. तथा उत्तरी कन्नड़ में राजनीति का समीकरण बदल सकते हैं।

भाजपा के कर्नाटक चुनाव प्रचार में व्यस्त केन्द्रीय मंत्री का कहना है कि राज्य में वह न केवल जनसभा को संबोधित करेंगे, बल्कि रोड शो समेत अन्य प्रचार में भी शामिल होंगे। माना यह जा रहा है कि योगी चुनाव प्रचार के आखिरी दिन 10 मई तक राज्य में पार्टी के पक्ष में राजनीतिक समीकरण बनाने के लिए दर्जन भर से अधिक जन सभाओं को संबोधित कर सकते हैं।

कहां-कहां योगी ने किया प्रचार

मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी ने गुजरात, हिमाचल और त्रिपुरा में भाजपा के पक्ष में प्रचार में हिस्सा लिया। गुजरात में योगी ने काफी दौरा किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बाद योगी आदित्यनाथ ही स्टार प्रचारक थे। त्रिपुरा में भाजपा को फहराने में उनकी काफी बड़ी भूमिका मानी जा रही है। इसी तरह से कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में मैदान में उतारा है। माना जा रहा है कि कर्नाटक में योगी के प्रचार के बाद भाजपा वोटों के ध्रुवीकरण के एजेंडे को नया आकार देने में सफल हो सकती है। इससे कांग्रेस की उम्मीदों को कुछ झटका लगने की भी उम्मीद है।

क्यों है योगी की मांग

योगी आदित्यनाथ नाथ संप्रदाय से हैं। भगवाधारी हैं और हिन्दुत्व के प्रतीक के रूप में उन्हें भाजपा में देखा जा रहा है। कर्नाटक में तटीय कर्नाटक का क्षेत्र काफी संवेदनशील है। अल्पसंख्य भी बड़ी मात्रा में हैं। कर्नाटक का यही वह क्षेत्र है, जहां पिछले दो-तीन सालों में दो दर्जन के करीब भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है और उन पर जानलेवा हमले हुए हैं। हुबली में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर ईज ऑफ डूइंग मर्डर का आरोप लगाया था। माना जा रहा है कि यहां से राजनीति का सांप्रदायिक रंग वोटों के ध्रुवीकरण में सहायक हो सकता है। ऐसा हुआ तो पूरे कर्नाटक में चुनाव का गणित अपना असर दिखा सकता है। वैसे भी इस इलाके में लिंगायतों का ठीक-ठाक प्रभाव भी है।  दक्षिणी कन्नड़ तो भाजपा के गढ़ के रूप में गिना जाता है। वैसे भी कर्नाटक हर मठ-मंदिरों का राज्य है। योगी आदित्यनाथ इसके लिए काफी उपयुक्त समझे जा रहे हैं।



प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बाद यदि भाजपा में प्रचार के लिए किसी की सबसे अधिक मांग है तो वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। योगी आदित्यनाथ भाजपा के लगातार स्टार प्रचारक बने हुए हैं और राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद से प्रचार के लिए उनकी मांग बराबर बनी है। तटीय कर्नाटक में भी आदित्यनाथ की काफी मांग है। वह हुबली, उडुपी समेत दक्षिण कन्नड. तथा उत्तरी कन्नड़ में राजनीति का समीकरण बदल सकते हैं।


भाजपा के कर्नाटक चुनाव प्रचार में व्यस्त केन्द्रीय मंत्री का कहना है कि राज्य में वह न केवल जनसभा को संबोधित करेंगे, बल्कि रोड शो समेत अन्य प्रचार में भी शामिल होंगे। माना यह जा रहा है कि योगी चुनाव प्रचार के आखिरी दिन 10 मई तक राज्य में पार्टी के पक्ष में राजनीतिक समीकरण बनाने के लिए दर्जन भर से अधिक जन सभाओं को संबोधित कर सकते हैं।

कहां-कहां योगी ने किया प्रचार

मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी ने गुजरात, हिमाचल और त्रिपुरा में भाजपा के पक्ष में प्रचार में हिस्सा लिया। गुजरात में योगी ने काफी दौरा किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बाद योगी आदित्यनाथ ही स्टार प्रचारक थे। त्रिपुरा में भाजपा को फहराने में उनकी काफी बड़ी भूमिका मानी जा रही है। इसी तरह से कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में मैदान में उतारा है। माना जा रहा है कि कर्नाटक में योगी के प्रचार के बाद भाजपा वोटों के ध्रुवीकरण के एजेंडे को नया आकार देने में सफल हो सकती है। इससे कांग्रेस की उम्मीदों को कुछ झटका लगने की भी उम्मीद है।

क्यों है योगी की मांग

योगी आदित्यनाथ नाथ संप्रदाय से हैं। भगवाधारी हैं और हिन्दुत्व के प्रतीक के रूप में उन्हें भाजपा में देखा जा रहा है। कर्नाटक में तटीय कर्नाटक का क्षेत्र काफी संवेदनशील है। अल्पसंख्य भी बड़ी मात्रा में हैं। कर्नाटक का यही वह क्षेत्र है, जहां पिछले दो-तीन सालों में दो दर्जन के करीब भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है और उन पर जानलेवा हमले हुए हैं। हुबली में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर ईज ऑफ डूइंग मर्डर का आरोप लगाया था। माना जा रहा है कि यहां से राजनीति का सांप्रदायिक रंग वोटों के ध्रुवीकरण में सहायक हो सकता है। ऐसा हुआ तो पूरे कर्नाटक में चुनाव का गणित अपना असर दिखा सकता है। वैसे भी इस इलाके में लिंगायतों का ठीक-ठाक प्रभाव भी है।  दक्षिणी कन्नड़ तो भाजपा के गढ़ के रूप में गिना जाता है। वैसे भी कर्नाटक हर मठ-मंदिरों का राज्य है। योगी आदित्यनाथ इसके लिए काफी उपयुक्त समझे जा रहे हैं।





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After Narendra Modi And Amit Shah Top Choice Of Karnataka Is Yogi Adityanath - मोदी और शाह के बाद कर्नाटक की टॉप च्वाइस योगी आदित्यनाथ After Narendra Modi And Amit Shah Top Choice Of Karnataka Is Yogi
Adityanath - मोदी और शाह के बाद कर्नाटक की टॉप च्वाइस योगी आदित्यनाथ Reviewed by Google Pustak on May 04, 2018 Rating: 5

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