नई दिल्ली/अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के यूनियन हॉल में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगी होने का मामला कम होने का नाम नहीं ले रहा है. एएमयू में हंगामे के दूसरे दिन गुरुवार (03 मई) को भी छात्रों ने हंगामा किया. बाबा-ए-सैयद गेट पर छात्रों ने फिर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और एएमयू का तराना भी गाया गया. जानकारी के मुताबिक, मौके पर मौजूद मीडिया कर्मियों को भी आक्रोशित छात्रों ने निशाना बनाया. हालात को देखते हुए एएमयू को पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. योगी सरकार ने एएमयू में हुए बवाल के बाद मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.
दूसरे दिन हंगामे के बाद लिया फैसला
एएमयू प्रशासन ने पांच दिनों के लिए सभी कक्षाएं बंद कर दी है. विश्वविद्यालय ने ये फैसला छात्रों के द्वारा दूसरे दिन हुए फैसले के बाद लिया. वहीं पुलिस-प्रशासन और आरएसएस विरोधी पोस्टर लगाने के दौरान भी एएमयू छात्र पुलिस से जूझते नजर आए.
पुलिस बल मौजूद
यूनिवर्सिटी के चारों ओर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया. जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को भी कुछ छात्र एएमयू पहुंचे और सरकार विरोधी नारेबाजी की. पुलिस फोर्स छात्रों के हर मूवमेंट पर नजर रख रही है.
एडीएम सिटी को सौंपा ज्ञापन
गुरुवार (03 मई) को कुछ छात्रों ने एडीएम सिटी को ज्ञापन दिया. इस ज्ञापन में उन्होंने हिंदूवादी नेताओं और सांसद सतीश गौतम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
मामले की होगी मजिस्ट्रेट जांच
मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर हुए बवाल के बाद सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश जारी किए हैं. एडीएम फाइनेंस बच्चू सिंह पूरी घटना की जांच करेंगे. आपको बता दे कि बुधवार (2 मई) को हुए हंगामे के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी मजिस्ट्रेट जांच की मांग की थी.
क्यों मचा हंगामा
जिन्ना का विवाद बीजेपी सांसद और एएमयू कोर्ट मेंबर सतीश गौतम के सोमवार (30 अप्रैल) को एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर को पत्र लिखने से शुरू हुआ. सांसद ने पत्र में पूछा था कि किन कारणों से जिन्ना की तस्वीर लगी है और कहां-कहां?. उन्होंने लिखा था कि जिन्ना भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के मुख्य सूत्रधार थे. इस पत्र के सुर्खियां बनने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय जिन्ना की तस्वीर को लेकर बवाल शुरू हो गया.
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