नई दिल्ली: दक्षिण जिला पुलिस की साइबर सेल टीम ने डेबिट कार्ड का क्लोन बनाकर एटीएम से रुपए निकालने वाले एक विदेशी गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस गिरोह मूल रूप से रोमानिया का है. इस गिरोह रोमानिया से भारत सिर्फ इस तरह की वारदातों को अंजाम देने के लिए आता था. डीसीपी रोमिल बानिया के अनुसार, दक्षिण दिल्ली के एटीम से गैरकानूनी तरीके से रुपए निकालने की शिकायतें लगातार मिल रही थी. इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए दक्षिण जिला की साइबर सेल की टीम को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई.
जांच के दौरान पता चला कि ज्यादातर रुपयों की निकासी सूनसान इलाकों में स्थिति एटीएम से देर रात की गई है. साइबर सेल की टीम ने इन एटीएम बूथ में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को भी खंगाला. सीसीटीवी की पड़ताल के दौरान पुलिस टीम को पता चला कि अपनी पहचान छिपाने के इरादे से रुपये निकालने वाले शख्स ने हेलमेट या फेस मास्क पहन रखा है. आरोपियों के तरीके को समझने के बाद साइबर टीम की एक टीम गठित की गई जिसमें इंस्पेक्टर अजित कुमार के नेतृत्व में सब इंस्पेक्टर विजय पाल, एएसआई रूपेश, कांस्टेबल पंकज, कुनाल और ललित को शामिल किया गया.
टीम को दक्षिण जिले के सूनसान इलाकों पर स्थिति एटीएम के इर्द गिर्द तैनात कर दिया गया. दो मई को तड़के करीब 4.30 बजे टीम गश्त पर थी, तभी एमबी रोड स्थिति यस बैंक के एक एटीएम से एक शख्स को रुपए निकालते हुए देखा. इस शख्स ने हेलमेट पहन रखा था. शक होने पर कांस्टेबल पंकज ने बिना देरी किए हुए इस शख्स को एटीम के अंदर इस शख्स को दबोच लिया. इस शख्स की पहचान रोमानिया मूल के इउलियन दुंब्रावा के रूप में हुई. तलाशी के दौरान इसके कब्जे से 14 क्लोन प्लास्टिक कार्ड, 47200 रुपए बरामद किए गए. आरोपी इउलियन दुंब्रावा की निशानदेही पर कांस्टेबल पंकज ने अपने साथियों के साथ मिलकर कुछ दूर पर मौजूद इसके दूसरे साथी को इग्नू रोड भी दबोच लिया. माइरा कार्नल नामक दूसरे आरोपी के कब्जे से 34 क्लोन एटीएम कार्ड, 138300 रुपए बरामद किए गए.
कुछ ऐसे बनाते थे क्लोन कार्ड
पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि रोमानिया मूल का एक पूरा गिरोह दिल्ली में एटीएम निकालने के गोरखधंधे से जुड़ा है. पहचान उजागर होने या गिरफ्तारी के डर से इस गिरोह के महज दो लोग एक समय में दिल्ली में रहते थे. वारदात को अंजाम देने के बाद वे नेपाल के रास्ते रोमानिया वापस चले जाते थे. इसी दौरान इस गिरोह के दूसरे दो सदस्य नेपाल के रास्ते देश में दाखिल होते थे. नेपाल में यह गिरोह क्लोन कार्ड और पिन की अदला-बदली करता था. इन्होंने पूछताछ में बताया कि वे एटीएम में चिप लगाकर संवेदनशील डेटा स्टोर कर लेते थे. बाद में इसी जानकारी का उपयोग क्लोन कार्ड बनाने में करते थे.
वे लोग दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में स्थिति गेस्ट हाउस में रुकते थे. सबसे पहले वे ऐसे एटीएम की तलाश करते थे जो सूनसान इलाकों में होते थे. एटीएम की अच्छी तरह से रेकी करने के बाद वह फेस मास्क, हेलमेट, कैप और चश्मा पहन कर एटीएम में दाखिल होते थे. क्लोन्ड कार्ड की मदद से रुपए निकालने के बाद सबसे पहले वे भारतीय करेंसी को विदेशी करेंसी में तब्दील कराते थे और मौका मिलते ही भारत से फरार हो जाते थे.
नेपाल के रास्ते देश में दाखिल हुए थे दोनों आरोपी
डीसीपी रोमिल बानिया के अनुसार 29 वर्षीय इउलियन दुंब्रावा और 33 वर्षीय माइरा कार्नल मूल रूप से रोमानिया के रहने वाले हैं. ये दोनों टूरिस्ट वीजा पर नेपाल के रास्ते भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे. दिल्ली आने के बाद दोनों आरोपी साइबर क्राइम में लिप्त हो गए. 48 क्लोन हो चुके एटीएम कार्ड, 9.5 लाख रुपए, 2760 पाउंड, 5000 यूरो, 10000 अमेरिकी डालर, एक लैपटॉप, दो मोबाइल फोन और सीसीटीवी कैमरे से बचने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फेस मास्क, कैप व हेलमेट बरामद हुआ है.
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