- ईपीएफओ पेंशनर और कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए पीएफ नंबर को आधार से जोड़ रहा है
- पिछले दिनों ईपीएफओ के कॉमन सर्विस सेंटर के पोर्टल से यूजर्स के डेटा चोरी होने की रिपोर्ट वायरल हुई
नई दिल्ली.कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 2.7 करोड़ पेंशनर और कर्मचारियों के डेटा लीक होने की सोशल मीडिया पर चल रही अटकलों को खारिज किया। बुधवार को ईपीएफओ ने सफाई देते हुए कहा कि अंशधारकों से जुड़ी जानकारी पूरी तरह से सुरक्षित है। कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के पोर्टल को इसमें सामने आ रही खामियां दूर करने के लिए 22 मार्च को बंद किया, ताकि सरकारी वेबसाइट से यूजर्स का किसी तरह से डेटा लीक न हो पाए।
सोशल मीडिया में वायरल हुई थी रिपोर्ट
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ईपीएफओ का यह बयान अंशधारकों के डेटा चोरी की अटकलों पर आया है। पिछले दिनों सोशल मीडिया में ऐसी रिपोर्ट सामने आई थी कि हैकर्स ने कॉमन सर्विस सेंटर के पोर्टल aadhaar.epfoservices.com से यूजर्स का डेटा चोरी कर लिया। इसे इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मंत्रालय के अंतर्गत चलाया जा रहा था।
- वायरल हुई रिपोर्ट ईपीएफओ कमिश्नर वीपी जॉय की ओर से कॉमन सर्विस सेंटर के सीईओ दिनेश त्यागी को लिखे एक लेटर पर आधारित थी।
22 मार्च को बंद हुआ था सीएससी का पोर्टल
- अटकलों पर ईपीएफओ ने कहा, ''डेटा या सॉफ्टवेयर की सेफ्टी के लिए चेतावनी जारी करना एक रुटीन प्रॉसेस है। सीएससी के जरिए मिलने वाली सर्विस (पोर्टल) को 22 मार्च 2018 से बंद कर दिया था। सोशल मीडिया में सर्कुलेट हो रही रिपोर्ट सीएससी की सर्विस के बारे में थी ना कि ईपीएफओ के सॉफ्टवेयर या डेटा सेंटर से संबंधित थी।''
यूजर्स का डेटा पूरी तरह से सुरक्षित: ईपीएफओ
- भविष्य निधि संगठन ने कहा, ''अब तक किसी तरह का डेटा लीक की बात सामने नहीं आई है। संगठन ने डेटा की सुरक्षा के लिए एहतियातन कदम उठाते हुए सीएससी से जुड़े पोर्टल को बंद करने का फैसला लिया। इसका डेटा लीक से कोई लेनादेना नहीं है। ईपीएफओ डेटा सेफ्टी के लिए सभी जरूरी फैसले ले रहा है, ताकि भविष्य में कोई डेटा चोरी ना कर पाए।''
- उधर, आईटी मंत्रालय के सीनियर अफसर ने कहा, ''सिस्टम और पोर्टल में मौजूद कमजोरियां दूर करने के लिए मंत्रालय सभी जरूरी कदम उठा रहा है। हम इस पर नजर रखेंगे।''
आधार को पीएफ नंबर से जोड़ रहा है ईपीएफओ
- बता दें कि ईपीएफओ पेंशनर और कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए यूनिवर्सल अकाउंट या पीएफ नंबर को आधार से जोड़ रहा है। साथ ही संगठन ने अगस्त, 2018 तक पेपरलेस वर्किग का लक्ष्य तय किया है। इसके बाद सभी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएंगी।
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