Nirbhaya Gangrape: Two Convicts Move To Supreme Court For Mercy And Life Plea - निर्भया कांड: आरोपियों ने लगाई कोर्ट से गुहार, मौत की सजा को उम्रकैद में बदलें

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 05 May 2018 11:06 AM IST



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5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी। शुक्रवार को दया की गुहार के लिए चार आरोपियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने कोर्ट से कहा कि उनकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया जाए ताकि उन्हें सुधरने का एक मौका मिल सके। उन्होंने दलील दी कि फांसी की सजा उनके मानवाधिकारों का हनन कर रही है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्र और जस्टिस आर भानुमति की बेंच के सामने आरोपियों के वकील अशोक भूषण और एपी सिंह प्रस्तुत हुए।

दोनों वकीलों ने बेंच से अनुरोध किया कि अभियुक्तों की सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि और घटना से पहले के उनके साफ रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए उनके प्रति करुणा दिखाई जाए। विनय शर्मा और पवन गुप्ता की तरफ से प्रस्तुत हुए सिंह ने दलील देते हुए कहा कि आदतन अपराधियों में समय के साथ सुधार आया है और इसी वजह से उनके क्लाइंट्स को सुधरने का एक मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मौत की सजा अहिंसा और सहिष्णुता वाली भारतीय संस्कृति के खिलाफ है।

कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और वकीलों से कहा है कि वह इस बात को लिखित में दें। दिल्ली पुलिस की तरफ से प्रस्तुत हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि निर्भया के आरोपियों ने कोई भी नया तर्क नहीं दिया है जिसपर की कोर्ट ने मौत की सजा देने से पहले विचार ना किया हो। इससे पहले कोर्ट ने आरोपी मुकेश शर्मा द्वारा दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका पर भी अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। वहीं चौथे आरोपी अक्षय ने अभी तक कोई पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं की है।



5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी। शुक्रवार को दया की गुहार के लिए चार आरोपियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने कोर्ट से कहा कि उनकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया जाए ताकि उन्हें सुधरने का एक मौका मिल सके। उन्होंने दलील दी कि फांसी की सजा उनके मानवाधिकारों का हनन कर रही है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्र और जस्टिस आर भानुमति की बेंच के सामने आरोपियों के वकील अशोक भूषण और एपी सिंह प्रस्तुत हुए।


दोनों वकीलों ने बेंच से अनुरोध किया कि अभियुक्तों की सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि और घटना से पहले के उनके साफ रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए उनके प्रति करुणा दिखाई जाए। विनय शर्मा और पवन गुप्ता की तरफ से प्रस्तुत हुए सिंह ने दलील देते हुए कहा कि आदतन अपराधियों में समय के साथ सुधार आया है और इसी वजह से उनके क्लाइंट्स को सुधरने का एक मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मौत की सजा अहिंसा और सहिष्णुता वाली भारतीय संस्कृति के खिलाफ है।

कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और वकीलों से कहा है कि वह इस बात को लिखित में दें। दिल्ली पुलिस की तरफ से प्रस्तुत हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि निर्भया के आरोपियों ने कोई भी नया तर्क नहीं दिया है जिसपर की कोर्ट ने मौत की सजा देने से पहले विचार ना किया हो। इससे पहले कोर्ट ने आरोपी मुकेश शर्मा द्वारा दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका पर भी अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। वहीं चौथे आरोपी अक्षय ने अभी तक कोई पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं की है।





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Nirbhaya Gangrape: Two Convicts Move To Supreme Court For Mercy And Life Plea - निर्भया कांड: आरोपियों ने लगाई कोर्ट से गुहार, मौत की सजा को उम्रकैद में बदलें Nirbhaya Gangrape: Two Convicts Move To Supreme Court For Mercy And
Life Plea - निर्भया कांड: आरोपियों ने लगाई कोर्ट से गुहार, मौत की सजा को उम्रकैद
में बदलें Reviewed by Google Pustak on May 05, 2018 Rating: 5

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