Special Border Personnel Meeting Between India And China Held At Chushul Moldo - मोदी-जिनपिंग की मुलाकात के बाद भारत-चीन की सेनाओं ने की पहली बैठक, सीमा पर तनाम कम होने के आसार

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सीमा पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मंगलवार को भारत और चीन के सेनाधिकारियों के बीच लद्दाख क्षेत्र के चुसुल में सीमा कार्मिक बैठक (बीपीएम) आयोजित की गई, जिसमें दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने पर सहमति जताई गई। 

चुसुल के अलावा बीपीएम का आयोजन सीमा पर 4 अन्य स्थानों उत्तरी लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी, अरुणाचल प्रदेश में किबिथु और तवांग के नजदीक बूम-ला तथा सिक्किम में नाथू-ला पर भी किया गया। 

ये चीन के वुहान शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पिछले सप्ताह हुई अनौपचारिक शिखर बैठक के बाद पहली ऐसी बैठक, जिसमें दोनों देशों के सेना अधिकारियों ने आपस में वार्ता की। मोदी-जिनपिंग की वार्ता में भी दोनों देशों के बीच सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर रणनीतिक कम्युनिकेशन बढ़ाने पर सहमति जताई गई थी।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि चुसुल में हुई बैठक में सीमा प्रबंधन के साथ ही दोनों सेनाओं ने दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) कहे जाने वाले सीमा के विवादित हिस्से पर तनाव कम करने के लिए कई कदम उठाने पर भी चर्चा की। 


तनाव कम करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों में सीमा पर समन्वित गश्त करना भी शामिल है। एक वरिष्ठ सेनाधिकारी के अनुसार, समन्वित गश्त के तहत दोनों सेनाएं एक-दूसरे को अपनी टीम के विवादित हिस्से में गश्त के लिए जाने से पहले अग्रिम जानकारी देंगी। उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष 2003 के सीमा विवाद को संबोधित करने वाले समझौते के तहत स्थानीय घटनाओं को हल करने का प्रयास करेंगी।

डीजीएमओ के बीच हॉटलाइन जल्द
सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष भारतीय सेना के सैन्य ऑपरेशंस महानिदेशक (डीजीएमओ) और उनके चीनी सेना में समकक्ष अधिकारी के बीच लंबे समय से अधूरी पड़ी हॉटलाइन संपर्क की व्यवस्था बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे। बता दें कि सरकारी डाटा के अनुसार, चीनी सेना ने वर्ष 2016 में 273 बार करीब 4000 किलोमीटर लंबी भारतीय सीमा में घुसपैठ की, जबकि वर्ष 2017 में ये संख्या बढ़कर 426 हो गई थी। इसी दौरान दोकलम में दोनों देशों की सेनाएं करीब 73 दिन तक आमने-सामने डटी रही थीं।

श्रमिक दिवस पर हुई बीपीएम में मनाया समारोह
श्रमिक दिवस होने के कारण चुसुल में हुई बीपीएम में समारोह आयोजित किया गया, जिसमें दोनों सेनाओं के सैनिकों के साथ ही उनके परिवारों ने भी हिस्सेदारी की। सरकारी सूत्रों ने बताया कि दोनों सेनाओं ने अरुणाचल प्रदेश के किबिथु में वाचा सीमा चौकी पर भी एक-दूसरे को श्रमिक दिवस के मौके पर तोहफे दिए गए।



सीमा पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मंगलवार को भारत और चीन के सेनाधिकारियों के बीच लद्दाख क्षेत्र के चुसुल में सीमा कार्मिक बैठक (बीपीएम) आयोजित की गई, जिसमें दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने पर सहमति जताई गई। 


चुसुल के अलावा बीपीएम का आयोजन सीमा पर 4 अन्य स्थानों उत्तरी लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी, अरुणाचल प्रदेश में किबिथु और तवांग के नजदीक बूम-ला तथा सिक्किम में नाथू-ला पर भी किया गया। 

ये चीन के वुहान शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पिछले सप्ताह हुई अनौपचारिक शिखर बैठक के बाद पहली ऐसी बैठक, जिसमें दोनों देशों के सेना अधिकारियों ने आपस में वार्ता की। मोदी-जिनपिंग की वार्ता में भी दोनों देशों के बीच सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर रणनीतिक कम्युनिकेशन बढ़ाने पर सहमति जताई गई थी।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि चुसुल में हुई बैठक में सीमा प्रबंधन के साथ ही दोनों सेनाओं ने दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) कहे जाने वाले सीमा के विवादित हिस्से पर तनाव कम करने के लिए कई कदम उठाने पर भी चर्चा की। 






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सेनाएं करेंगी सीमा पर समन्वित गश्त







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Special Border Personnel Meeting Between India And China Held At Chushul Moldo - मोदी-जिनपिंग की मुलाकात के बाद भारत-चीन की सेनाओं ने की पहली बैठक, सीमा पर तनाम कम होने के आसार Special Border Personnel Meeting Between India And China Held At
Chushul Moldo - मोदी-जिनपिंग की मुलाकात के बाद भारत-चीन की सेनाओं ने की पहली
बैठक, सीमा पर तनाम कम होने के आसार Reviewed by Google Pustak on May 02, 2018 Rating: 5

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